आप खुश रहना चाहते हो और सफल भी होना चाहते हैं तो आपने बहुत सारे फार्मूले सुने होंगे जैसे कि मेडिटेशन करिए, प्रकृति के साथ समय बिताइए , नेचर में टाइम स्पेंड करिए, और आप एक डायरी बनाकर रोज़ लिखिए.
इस तरह से बहुत लंबी लिस्ट है, और अक्सर आप सोचते होंगे कि इतना सब करने का समय कहां है और यह सब अगर हम अपने दिन भर के शेड्यूल में डालेंगे तो हमें और कुछ करने का तो टाइम ही नहीं रह जाएगा।
इसीलिए आज हम डिस्कस करने वाले हैं सिर्फ एक रोजाना की आदत जिसमे मुश्किल से पांच मिनट लंगेंगे और आपको ख़ुशी और सफलता मिलने लगेगी.
हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू यानी HBR में एक आर्टिकल छपा जिसे लिखा है “द हैप्पीनेस इक्वेशन” के लेखक नील पसरिचा ने. और उनकी खुद को सुधारने की टिप मुझे बहुत ज्यादा पसंद आई और इसी को मैं आपके साथ शेयर कर रही हूं।
पसरिचा ने कहा कि अगर आप सिर्फ ये तीन वाकया लिखने लगें तो आपकी खुशी का स्तर और आपकी सफलता का स्तर दोनों ही बढ़ जाते हैं। पहला वाकया है.
- आज मैं अपना ध्यान केंद्रित करूंगी…………
और आपको इस वाक्य को पूरा करना है। पसरिचा कहते हैं कि जब हम हर दिन सिर्फ एक सिंगल फोकस रखते हैं यानी कि आज हम सबसे ज्यादा किस काम की तरफ ध्यान देंगे तो हमारी लंबी सी काम की लिस्ट से हमें घबराहट नहीं होती. और जिस पर हम फोकस कर रहे हैं, वह काम भी पूरा हो जाता है। अगर हमारे पास बहुत सारे काम है तो हम एक-एक करके जब फोकस करते हैं तो काम हो जाता है और एक आदत बनती है कि हम बहुत सारे मुश्किल काम को तोड़कर सिंपल और करने लायक कैसे बनाएं।
तो आप इस वाक्य को ऐसे भी पूरा कर सकते हैं कि मेरा आज का फोकस है;’अपनी किताब के 1000 शब्द लिख लेना या मेरा आज का फोकस है जो मैंने नई रेसिपी पड़ी थी उसको बनाना या मेरा आज का फोकस है, वह तीन मीटिंग्स निपटाना जो मुझे ऑफिस के लिए करनी जरूरी है। इस तरह से आप अपने सर पर से प्रेशर को कम करते हैं. दूसरा जो वाक्य है,
- आज मैं शुक्रगुजार हूं………………….के लिए
अब इसमें वाकया में एक, दो चीज या ३ चीज हो सकटी हैं। लेकिन दिन शुरू करते समय आप जरूर लिखें कि मैं आज किस लिए शुक्रगुजार हूं। इससे पूरे दिन के लिए वह सुबह ही एक सकारात्मक नजरिया बन जाता है,. और इस वाक्य को पूरा करने से और भी ज्यादा अच्छा रिजल्ट मिलता है अगर आप थोडा विस्तार में जाए. जैसे कि बजाय ये लिखने के लिए कि मैं शुक्रगुजार हूं अपनी फैमिली के लिए, अपने बच्चों के लिए, अपने घर के लिए आप सोचें उस दिन आप किस खास चीज़ के प्रति शुक्रगुजार हैं.जैसे इतने खूबसूरत सूर्य उदय के लिए आज मैं शुक्रगुजार हूं, या उन फूलों जो मुझे खिड़की से दिख रहे हैं, तो यह ज्यादा असर करता है. तीसरा वाक्य है।
मैं इन चीजों को अपनी जिंदगी से मुक्त कर रही हूँ ………….
आपकी ज़िन्दगी में बहुत सारी चीज़े हो सकती हैं जिनसे आप बेवजह चिपके हुए हैं. हो सकता है किसी के प्रति गुस्सा है, किसी के प्रति नफरत है, किसी को आप माफ नहीं कर पाए या कोई इंसान जबकि आप जानते हैं कि वह चीज अब आपके फायदे की नहीं है। हो सकता कोई पुराना सामान, हो सकता है कुछ ख्याल , जो आपको पता है कि वह आपकी जिंदगी में एक बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। लेकिन हम उन्हें उनको छोड़ नहीं पाते। रोज इस एक वाकया को लिखने से धीरे धीरे हम अनचाही नकारात्मक चीजों से मुक्त हो जायेंगे.
जब आप यह 3 सेंटेंस रोज डालने की आदत डाल लेते तो आप पाएंगे कि हर रोज आप ज्यादा खुश महसूस करते हैं आपकी एनर्जी बढ़ जाती है और आप ज्यादा सफल होने लगते हैं क्योंकि आपके दिमाग का संतुलन और फोकस बेहतर हो जाता है।
मैंने खुस इस आदत को डाला और २१ दिन के भीतर मुझे आश्चर्यजनक परिणाम मिले. मेरी मानो तो आप शुरू करते समय अपनी एक सेल्फी ले कर रखे और 21 दिन के बाद फिर अपनी एक सेल्फी लीजिए। यकीनन आपका चेहरा चमक रहा होगा। आपकी आंखें खुशी से झलक रही होंगी और आप बहुत अच्छा महसूस कर रहे होंगे।