SUCCESS/सफलता.

1st Attempt and 9th Rank despite hearing loss. Saumya Sharma IAS Motivational Story.

Saumya Sharma IAS Motivational Story

पहले प्रयास में 9वीं रैंक – ये है IAS Officer सौम्या शर्मा की कहानी:  How to Become an IAS Officer in Your First Attempt. Saumya Sharma की कहानी है सही मायने में IAS Motivational Story

इस ब्लॉग मैं आपको मिलेगा –

1.पहले प्रयास  मैं 9th Rank  लेकर कैसे किया UPSC IAS क्लियर. IAS Saumya Sharma की कहानी

2. किसी भी चैलेंज को पार करके कैसे करे UPSC क्लियर 1st attempt मैं. How to crack IAS in first attempt

3.   16 साल की उम्र मै हियरिंग लोस्स होने के बाद भी 1st attempt मैं UPSC crack कैसे हुआ IAS Saumya Sharma का. Inspiring story of IAS

4.   एक वकील  से एक जाबाज़ IAS ऑफिसर बनने तक

5.     Prelims और Mains क्रैक करने के लिए क्या रणनीति अपनायी थी  सौम्या  ने. How to prepare for IAS

6.     Mains के दौरान की चुन्नौती

7. 1st एटेम्पट मैं क्वालीफाई करने के लिए लाइफ मोटो. Awesome IAS Motivational story

8. आने वाले उमीदवारो के लिए क्या कहा IAS Saumya Sharma ने

मेहनत और आत्म विश्वास का दूसरा नाम है सौम्या शर्मा | 16 साल की उम्र मैं अपनी सुनने की छमता खोने वाली, IAS Officer सौम्य शर्मा ने अपने पहले एटेम्पट मैं ही 9th रैंक प्राप्त करके सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन को सफलतापूर्वक पास किया |

दिल्ली की रहने वाली सौम्या ने साल 2018 में 23 साल की कम उम्र में, अपने बलबूते पे, ये करके दिखाया | उन्होंने कभी कोई कोचिंग क्लास ज्वाइन नहीं की थी | उन्होंने अपने IAS बनने के सपने  को पूरा करने के लिए तीन नौकरियों  का ऑफर भी रिजेक्ट कर चुकी थी | आज, वह दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट के साथ अपने जिला प्रशिक्षण में एक सहायक आयुक्त हैं, और वह अपने देश की सेवा करने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

1st एटेम्पट में  ही क्लियर किया UPSC 9th रैंक के साथ. Truly inspiring story of clearing IAS in 1st attempt with all India 9th Rank

तो क्या है इनकी सफलता की कहानी? कैसे उन्होंने एक ही attempt  मैं 9th रैंक प्राप्त करके दिखाया ? क्या थी उनकी पढ़ने की स्ट्रेटेजी जिसके द्वारा उन्होंने सिविल सर्विसेज जैसी कठिन परीक्षा को एक बार मैं ही पास कर लिया? इस ब्लॉग के माध्यम से मैं इन और और उनके journey से जुड़ी बाकि और अहम सवालो का जवाब आप लोगो के सामने लाना चाहती हु। 

16 साल की उम्र मै हियरिंग लोस्स : Hearing Loss at 16 did not demotivate her!

हर किसी की तरह उनकी आईएएस बनने की जर्नी भी कठिनाईयों से भरी हुई थी | 16 साल की उम्र मैं अचानक से एक दिन उनकी सुनने की छमता कम होने लगी और उसके बाद से उन्हें पार्शियल हियरिंग लोस्स (partial hearing loss) से जूझना पढ़ा। व अब हियरिंग एड का इस्तेमाल करती हैं |

10 वि कक्षा की सौम्य को जब अपने हालत के बारे में पता चला तब वह डरी या निराश नहीं हुए बल्कि उसने स्वीकार कर लिए कि यह चीज़ें जीवन का हिस्सा है और उसने खुद के लिए दुखी महसूस किए बिना जल्दी से अपने ज़िन्दगी मैं आगे बढ़ने का फैसला लिया |  अपनी हालत के बावजूद उन्होंने किसी भी प्रकार की सिविल सेवा परीक्षा के दौरान दिए गए आरक्षण का लाभ नहीं उठाया |

16 साल की उम्र मैं हियरिंग लोस्स के बाद एक बार मैं ही IAS बनने का चमत्कार. Awesome IAS Motivation

IAS सौम्या शर्मा अपने स्कूल के दिनों से ही मेधावी छात्रा रही है। वह अपनी सभी कक्षाओं में टॉप करती थी | उनके माता-पिता और उनके भाई सभी डॉक्टर हैं और शुरू में, उन्होंने भी उसी रास्ते पर चलने की योजना बनाई और डॉक्टर बनने के लिए अध्ययन करने का सोचा | लेकिन बाद में उन्होंने लॉ अध्ययन करने का फैसला किया और 2012 में CLAT के लिए उपस्थित हुईं। प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ यह सौम्या   का पहला अनुभव था। स्कूल के दिंनो से ही उनकी  एक अच्छी  आदत थी  ,  अख़बार पढ़ना और जनरल नॉलेज का ज्ञान रखना | इसीलिए कॉम्पिटिटिव एग्जामस मैं अवल नंबर लाना उनके लिए थोड़ा आसान राहा हैं | ये भी एक कारण हैं उनका एक ही एटेम्पट मैं IAS Officer बनने का |

CLAT (Common Law Entrance Test) के साथ साथ उन्होंने 2012 मैं ही AILET (All India Law Entrance Test) का exam भी दिया था | यहां भी अपने पहले प्रयास में वह देश के दो सबसे बड़े लॉ स्कूलों में सीट हासिल करने में सफल रहीं   | नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया उनिवेरिस्टी, बैंगलोर (NLSIU) और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली (NLU) के बीच मैं उन्होंने NLU, Delhi को चुना |

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था की लॉ स्कूल मैं आने के बाद ही उनका सिविल सेविसेस ज्वाइन करने का इंटरेस्ट विकसित हुआ|

“एक बार जब आप कानून का अध्ययन कर लेते हैं, तो आपका झुकाव स्वाभाविक रूप से सामाजिक मुद्दों की ओर हो जाता है। मैंने संवैधानिक कानून, मानवाधिकारों और कई अन्य चीजों के बारे में पढ़ा जो आपको समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती हैं। सिविल सेवाओं में आना जनता के लिए कुछ करने का एक सही अवसर जैसा महसूस हुआ |”

Source : Better India                                          

 एक  वकील  से एक जाबाज़ IAS ऑफिसर बनने तक: IAS Motivational story

NLU अपने लॉ स्कूल के दौरान उन्होंने विभिन्न लॉ फर्मों और अधिवक्ताओं के साथ भी काम किया। वह पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research)का हिस्सा रही हैं और उन्होंने दिल्ली High Court के माननीय जस्टिस भट के साथ काम किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क (HRLN) के साथ भी काम किया है। इस दौरान उन्होंने जो अनुभव प्राप्त किया उससे उनकी सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने की इच्छा और जाग उठी | लॉ स्कूल के अंतिम वर्ष तक आते आते उन्होंने ठान लिया की उन्हें एक काबिल IAS अफसर बनना है | तो तुरंत ही उन्होंने अपना IAS exam preparation शुरू कर दिया | 2017 मैं लॉ एग्जाम के फाइनल ईयर परीक्षा के साथ साथ उन्होंने Prelims exam preparation भी शुरू कर दिया |

उन्होंने कोई भी कोचिंग ज्वाइन नहीं करने का फैसला लिया और बस self study किया | Civil Services Examination के दौरान उनका optional paper था लॉ | अपने Prelims preparation के लिए उन्होंने Previous Year question papers के साथ प्रैक्टिस किया  | एक इंटरव्यू मैं उनका कहना था की एक बार जब उम्मीदवार जान जाते हैं कि सभी स्रोतों का क्या उपयोग किया जा सकता है, तो उनको खुद की चयनात्मक रणनीति बनानी चाहिए।

केवल विश्वसनीय सोर्सेज का ही उपयोग करें और साथ ही, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक ही विषय को कई ऑनलाइन स्रोतों से कवर करने में समय बर्बाद नहीं हो रहा है। किताबें और समाचार पत्र अपने आप में महत्वपूर्ण हैं, इसलिए पारंपरिक स्रोतों को भी उचित समय दिया जाना चाहिए।

उसी इंटरव्यू मैं उन्होंने अपने नोटमाकिंग प्रोसेस के बाड़े मैं भी बताया

“मैंने अपने स्वयं के नोट्स पर बहुत अधिक भरोसा किया, और उन्हें कम से कम 4-5 बार संशोधित किया। मैं प्राथमिक स्रोतों जैसे कि रिपोर्ट आदि को पढ़ता था और उन नोट्स को बनाने के लिए संक्षिप्त करता था जो जल्दी से संशोधित होते थे। मैंने अखबार के संपादकीय और लेखों के हस्तलिखित नोट्स भी बनाए, और ये जीएस पेपरों के उत्तर देने के लिए बेहद मददगार थे।”

बिना कोचिंग और बस सेल्फ स्टडी से 1st एटेम्पट मैं 9th Rank लेकर आना. Self study and discipline was the key to IAS Saumya Sharmas’ success

2017 के  2 June को उनका लॉ का फाइनल एग्जाम था और उस के 16 दिन बाद उनको Prelims examination के लिए बैठना था | IAS exam preparation उन्होंने 2017 के February महीने से ही ठीक से शुरु किया था | क्योंकि बहुत कम समय बचा था, उसे लंबे समय तक अध्ययन करना पड़ता था और उसको इसके चलते उनको अत्यधिक तनाव से भी गुजरना पड़ा | लेकिन करीब 3 महीने की प्रिपरेशन से ही उन्होंने, एक ही बार मैं, Prelims क्वालीफाई कर लिया | अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ उन्होंने कुछ ऐसा किया जो कई लोगों का सपना होता है |

Mains के दौरान और एक चुनौती

Prelims को सफलतापूर्वक पास करने के बाद आयी Mains exam की बारी | Prelims के बाद Mains examination के लिए उन्होंने दिन रात एक करके पढाई करनी शुरू कर दी | लेकिन Mains के ठीक पहले वह बहुत बीमार पड़ गई | उनके मांसपेशीओ मैं काफी दर्द होना शुरू हो गया। उनको काफी पेनकिलर्स और बिभिन्ना तरह की थेरपि जैसे फीसिओथेरपि, शॉक थेरेपी वगेरा लेनी पड़ी .| उनकी हालत इतनी ख़राब हो गयी थी की उनको एक कलम उठा कर  लिखने मैं भी कठिनाई आ गयी थी|

Essay examination के एक रात पहले उनके शारीर का दर्द तोह कम हो गया था लेकिन रात तक उनको 103 बुखार आ  गया था और व अपने बिस्तर से उठ ही नहीं पा रही थी। उनको सेलाइन लेना पड़ा और सेलाइन लेने के समय सुई विस्थापित होने के कारन उनको चोट आयी और सौम्या के हाथ से खून बहने लगा | उनके परिवार वालो को उनको लेकर काफी चिंता होने लगी। व सोचने लगे की सौम्या  सुबह उठके अपना पेपर कैसे लिख पायेगी।व उस रात बस 3 घंटे ही  सो पायी और सुबह भी उनका बुखार उतरा नहीं था। वैसे ही वे  एग्जाम देने निकल गयी।

उनका संघर्ष  यहीं  ख़तम नहीं होता | उनके इस एक्सपीरियंस के बारे में अपने ब्लॉग मैं लिखते हुए आईएएस सौम्य शर्मा बताती है की एग्जाम से एक दिन पहले उनको सेलाइन लेना पढ़ गया था और दूसरे दिन भी GS Paper 1 लिखने के बाद और GS Paper 2 लिखने से पहले उनको गाडी  मैं फिर  से एक बार सेलाइन लेना पड़ा था। व और उनको परिवार वाले काफी चिंतित थे की कमजोरी के कारण कही व एग्जाम लिखने के बीच मैं बेहोश न हो जाये | GS Paper 2 के दौरा वो बेहोश होते होते बची |

इन् संघर्ष के बीच मैं उनके दिमाग मैं यही  चल राह था की क्या वे अपनी  शारीरिक स्थिति को अपने जीवन के बीच आने दे सकती हैं और उन्होंने निर्धारित कर लिया था अपने मन मैं की उनको ये करके दिखाना ही है।  इन बाधाओं के बावजूद भी उन्होंने  पहले प्रयास में ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाय। यह बोहोत ही प्रेरणादायक हैं ।

उनका आखरी राउंड UPSC IAS interview सुचारू रूप से पारित हो गया | उनका ऑप्शनल पेपर लॉ होने के कारन, पैनल ने उन्हें क्रिमिनल लॉ और एनवायरनमेंट लॉ पर सवाल पूछे।

अपने DAF में उन्होंने उल्लेख किया था कि नक्शा पढ़ना उनकी हॉबी है इसलिए अध्यक्ष ने interview round के दौरान इस पर एक दिलचस्प सवाल पूछा जो अफसर सौम्य का भी इंटरव्यू से एक पसंदीदा पल हैं  – यदि आप रोड से दिल्ली से सूडान की यात्रा करते हैं, तो आप किन सभी देशों को पार करेंगे?’ वह उन्हें उन देशों की पूरी सूची प्रदान करने में सक्षम थी

इस सवाल की तरह हर सवाल का जवाब देने मैं सफल रही थी  Saumya वह अपने प्रदर्शन से काफी खुश थी |

 

शारीरिक रोग रहते भी काबियाबी हासिल करना. With self-confidence and discipline one can pass any hurdle

उनका धैर्य और उनके दृढ़ संकल्प की कहानी UPSC उम्मीदवारों के लिए एक महान सबक हैं। उन्होंने जो कर दिखाया, और जिस स्थिति मैं कर दिखाया व एक चमत्कार से कम नहीं हैं | उनके जीवन का एक ही मोटो हैं और व हैं की हम सबको कोई काम करने के लिए डरना नहीं चाहिए, बल्कि हमें अपने सपनो को पूरा करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।

यदि हम बहुत कोशिश करने के बाद भी असफल हो जाते हैं तो हम कम से कम हमें इस बात की संतुस्ती होगी की हमने कोशिश तो की थी। इस मोटो को मन मैं लेकर ही सौम्या शर्मा  अपने जीवन मैं आगे बढ़ती रही और आज ऐसा मुकाम हासिल करने मैं सफल रही|

IAS Officer Saumya Sharma की कहानी को पढ़ने के बाद UPSC उम्मीदवार दो चीज़ें सीख सकते हैं |A lesson in how to become an IAS without coaching.

असंख्य चुनौतियों का सामना करने पर भी किसी को भी अपने जीवन के लक्ष्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए और कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाएगी, असफलता से गुजरने पर किसी को निराश नहीं होना चाहिए और बस अपने सपने को वास्तव बनाने की कोशिस मैं डटे रहना चाहिए |

 

 

 

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