AnupmaChandra.com Explained.: Fall in value of Indian Rupee. When it will be recovered?
Hello aspirants,
आज की पोस्ट में हम भारतीय रुपया की कमज़ोर स्थिति या भारतीय रुपये के अंतराष्ट्रीय बाज़ार में “डॉलर” के समक्ष टूटने की बात (fall of rupee) कर रहे हैं।
इसके साथ ही हम ये भी समझने की कोशिश करते हैं कि —
एक मुद्रा का मान (value of a currency) किन कारकों के आधार पर तय किया जाता है?,
साथ ही साथ, उस देश के केंद्रीय बैंक को इस तरह की समस्या का हल करने के लिए क्या संभावित रणनीति अपनाते हैं। इसके साथ ही भारतीय मुद्रा “रुपया” से सम्बंधित और भी रोचक जानकारी आपको इस post में मिलती है।
इन सभी प्रश्नों का हल हम एक-एक कर के समझते हैं कि जब भी आप इस तरह की कोई खबर देखें या पढ़ें तो आप इन समस्याओं के मूल कारणों को आसानी से समझ सकें।
तो aspirants इस Post की सहायता से आपको इस समस्या का आसान और सर्वश्रेष्ठ solution मिलने वाला है। मैं हूँ अनुपमा चंद्र – UPSC ex-IAS और आपके IAS officer बनने की सफर में आपकी दोस्त, आपकी गाइड।
चलिए शुरू करते हैं इस post को, और हाँ आपको ये सभी बातें समझने के लिए इस post को अंत तक जरूर ही पढ़ना चाहिए, क्योंकि आपके exam में सफल होने से ज्यादा important कुछ भी नहीं है।
भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन होना (Depreciation of value of Indian Currency) value of Indian Rupee
Aspirants, जब भी हम इस प्रकार की कोई भी खबर अखबार या न्यूज़ चैनल के माध्यम से सुनते हैं, तो हमें सबसे पहले यह मालूम होना चाहिए कि आखिर किसी मुद्रा का मूल्य किस तरह से निर्धारित किया जाता है।
जब हम यह समझ लेते हैं उसके बाद हमें उस मुद्रा का या किसी भी मुद्रा के अवमूल्यन होने के कारण कुछ सेकंडस (seconds) में समझ आ जाता है।
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AnupmaChandra.com Explained: किसी मुद्रा का मूल्य क्यूँ घटता या बढ़ता है?
इस प्रश्न का उत्तर हमें अर्थशास्त्र के “माँग एवँ पूर्ति” के नियम से मिलता है। “माँग एवँ पूर्ति” के नियमानुसार जब बाजार में किसी वस्तु की माँग में वृद्धि होती है तो उसकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
जैसे गर्मियों के दिन में A.C. और Fridge जैसे उत्पादों का मूल्य बढ़ जाता है, वही दूसरी तरफ सर्दी के मौसम में इन उत्पादों की कीमतें गिर जाती हैं या ज्यादा छूट (discount/ offer) मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं।
ठीक इसी सिद्धांत के आधार पर जब किसी बाजार में डॉलर की माँग बढ़ जाती है तब वहाँ की लोकल मुद्रा की माँग या रुपया की माँग घट जाती है। और यही कारण है की आजकल हमे भारतीय रुपया की कीमत कम होती दिख रही है।
हम लोग तो भारतीय हैं तो, मुझे क्या जरूरत है डॉलर में खरीदारी करने की?
बिलकुल सही प्रश्न है, आखिर किसी भारतीय को डॉलर में भुगतान करने की क्या जरूरत है, या भारत में डॉलर की माँग क्यूँ बढ़ रही है – इस घटना के पीछे निम्नलिखित कारण हैं —
- जब कोई उत्पाद या सेवा को आयात करते हैं तो लेन-देन का कार्य “डॉलर” में होता है।
- इसी तरह भारतीयों के लिए “सोना” या “स्वर्ण धातु” भी एक विशेष स्थान रखती है जिसकी पूर्ति भी हम आयात द्वारा करते हैं। इस धातु की खरीदी के लिए भुगतान भी डॉलर में ही किया जाता है।
- इसके अलावा यदि भारत ने किसी अंतराष्ट्रीय संस्था (उदाहरणार्थ: World Bank) से “ऋण” लिया है तब “ऋण” की EMI का भुगतान भी डॉलर में होता है।
- यदि कोई भारतीय विदेश यात्रा पर जाता है तब भी लेन-देन का कार्य “डॉलर” में होता है।
अभी तक हमने समझा कि भारत में “डॉलर” की माँग कैसे बनती है। अगले भाग में हम इस प्रश्न पर चर्चा करने वाले हैं कि भारतीय रुपया की कीमत क्यूँ घट रही है?
भारतीय रुपया की कीमत क्यूँ घट रही है? value of Indian Rupee
भारतीय रुपया के कमजोर होने की घटना के पीछे कुछ निमलिखित कारक हैं जिनसे डालर की माँग बहुत बढ़ गई और रुपये की माँग गिरी है।
- वर्तमान में Russia-Ukraine की लड़ाई के चलते भारत के crude oil दिन-ब-दिन महँगा हो रहा है और इसको हम अत्यधिक मात्रा में आयात (Import) करते हैं, जिसका भुगतान हमें “डॉलर” में करना होता है।
- पिछले वर्ष (2021) में भारत के ऋण और इक्विटी बाजारों से 400 अरब रुपए से अधिक पूंजी का बहिर्गमन (outflow) हुआ।
- स्वर्ण धातु का अत्यधिक आयात, इत्यादि।
इन सभी अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय घटनाओं के चलते रुपये का अवमूल्यन हो रहा है। अगले भाग में जानिए की RBI कैसे मुद्रा के अवमूल्यन को नियंत्रित करता है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) किस तरह से मुद्रा के अवमूल्यन को नियंत्रित करता है? value of Indian Rupee
या, भारतीय रुपया की कम होती कीमत को रोकने के क्या उपाय हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) रुपया के मूल्य को नियंत्रित करता है। इसके लिए RBI निम्नलिखित गतिविधियां करता है:
Forex swap auction:
RBI रुपया की माँग को संतुलित करने के लिए “forex reserve” में कुछ अंश बाजार में बोली लगाता है (बिक्री करता है)। इसके बाद कुछ संस्थानों की बोली को स्वीकार किया जाता है और इस तरह RBI भारतीय बाजार में “रुपया“ की तरलता को संतुलित करने का प्रयास करता है।
ब्याज दरों को बढ़ाना और बाज़ार से रुपये को अपने नियन्त्र में लेना। value of Indian Rupee
जब ब्याज दरों को बढ़ा दिया जाता है तब नागरिकों को रुपया हाथ में रखने या cash में रखने से उस उतने ब्याज की प्राप्ति नहीं होती है, जितनी की उन्हें रुपये को बैंक में रखने से होगी।
रुपये के मूल्य में गिरावट आम जनता को किस तरह प्रभावित करती है?
भारत जैसी आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था पर मूल्यह्रास मुद्रा के प्रतिकूल स्पष्ट प्रभाव निम्लिखित क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।
- आयात बिल का बढ़ना: “तेल/ ईंधन,” सोना, और कुछ कृषि उत्पाद जैसे सोयाबीन तेल (खाद्य तेल) भी आयात करते हैं। अर्थात चाहें खाद्य सामग्री, कुकिंग गैस हो या इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पाद या यात्रा करना। इन सभी क्षेत्रों में प्रभाव होना निश्चित है।
- इसके साथ ही विदेश में रह रहे छात्रों और भारतीय टूरिस्टों को रुपये को डॉलर में बदलने के लिए अधिक रुपया खर्च करना होगा।
- संक्षेप में इस तरह यह हमारे राजकोषीय घाटे को बढ़ाता है। मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने वाले जोखिम को न्यौता देते हैं, और आम तौर पर एक विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौतियों के संकेत देते हैं।
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चलते-चलते कुछ और जरूरी बातों पर भी नजर डाल लेते हैं:
अंतराष्ट्रीय बाज़ार में “अमेरिकी डॉलर” का मान कैसे तय करते हैं?
- यह कार्य U.S. Dollar Index की सहायता से किया जाता है।
भारतीय मुद्रा का आधिकारिक चिन्ह क्या है? इसके इतिहास के बारे में संक्षेप में चर्चा कीजिये?value of Indian Rupee
- भारतीय मुद्रा का अधिकारिक चिन्ह: ₹
- ये चिन्ह भारतीय संस्कृति व् भारतीय भाषाओं के साथ-साथ आधुनिक भारत की छवि को भी प्रस्तुत करता है।
- ये चिन्ह/ डिजाइन भारत सरकार द्वारा १५ जुलाई २०१० को सार्वजनिक किया गया था।
- अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउण्ड, जापानी येन और यूरोपीय संघ के यूरो के बाद रुपया पाँचवी ऐसी मुद्रा बन गया है, जिसे उसके प्रतीक-चिह्न से पहचाना जाएगा
- भारतीय मुद्रा “रुपये” का चिन्ह IIT, गुवाहाटी के असिस्टेण्ट प्रोफेसर उदय कुमार धर्मलिंगम् निवासी चेन्नई, तमिलनाडु द्वारा बनाया गया था। इस चिन्ह का चुनाव चार अन्य भारतीयों के बनाये गए डिज़ाइन में से उच्च स्तरीय यूनियन कैबिनेट द्वारा चुना गया था।
Aspirants हमे पूरी आशा है कि ये post आपके लिए बहुत काम की है, और इसके साथ ही रुपये की अवमूल्यन से जुड़े सभी सवालों के जवाब देती हैं। फिर भी अगर आपको लगता है, कि इस post की किसी जानकारी में सुधार किया जा सकता है या बेहतर बनाया जा सकता है तो आप अपने सुझाव या सवाल नीचे दिए comments box में जरूर post करिए।
मिलते हैं एक और जानकारी वर्धक पोस्ट में जल्दी ही।
धन्यवाद।।
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