Pranjal Patil: First Blind Indian Woman IAS Officer
आशा है आप सभी लोग बहुत अच्छे हैं। Aspirants, आज की जो achiever हैं, उनकी सफलता की कहानी बताने के लिए शायद मेरे पास शब्द कम पड़ जाएँ लेकिन उन्होंने जो उपलब्धि प्राप्त की है उसको हम शब्दों में बयां नहीं कर पाएँ।
प्रांजल पाटिल ने UPSC Civil Service Examination को first attempt में crack किया है, और उन्होंने एक नहीं दो बार इस examination को crack किया है। अब आप सोच रहे हों कि ये बड़ी उपलब्धि तो है लेकिन सभी toppers भी अक्सर ऐसा करते हैं।
सही सवाल, लेकिन अभी बात तो पूरी होने दो, प्रांजल पाटिल देश की पहली दृष्टि बाधित achiever हैं जिन्होंने देश की सबसे बड़े परीक्षाओं में से एक UPSC Civil Service Examination को प्रथम प्रयास में crack किया है, बल्कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग संस्थान गए ही ये उपलब्धि प्राप्त की है।
नमस्कार aspirants, मैं हूँ अनुपमा चन्द्रा Ex-IAS, और मैं बनाती हूँ आपको UPSC topper.
चलिए बात करते हैं प्रांजल पाटिल की success story के बारे में, मेरा दावा है कि इस तरह जुनून, त्याग, कभी हार ना मानने का जज्बा, बुलंद इरादे, और कम संसाधनों के बावजूद प्रांजल पाटिल की ऊँची उड़ान की अदम्य इच्छा से भरी हुई life-cum-success story आपको बहुत ज्यादा motivate करने वाली है, और आप भी उनको follow कर के जल्दी ही सफल बन सकते हैं।
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प्रांजल पाटिल की जीवनी (Life of Pranjal Patil):
प्रांजल महाराष्ट्र राज्य के उल्हासनगर से संबधित हैं। जब मात्र 6 वर्ष की थीं तभी उन्हें दुर्भाग्यवश “रेटिना अलग हो जाने” (retina detachment) की बीमारी की वजह से उनकी दृष्टि क्षमता 100% ख़त्म हो गयी थी। इनके माता पिता (श्री एलजी पाटिल एवं श्रीमती ज्योति पाटिल) ने उनका इलाज़ करवाया लेकिन उन्हें कोई बहुत अच्छी सफलता नहीं मिली थी। इनका विवाह कोमल सिंह पाटिल (husband of Pranjal Patil) से हुआ है। ये पेशे से एक व्यवसायी हैं।
प्रांजल पाटिल की शिक्षा (Qualification of IAS Pranjal Patil):
प्रांजल शुरुआत से ही पढ़ाई में एक मेधावी छात्रा रही हैं।
प्रांजल ने कक्षा 10 तक की पढ़ाई “कमला मेहता दादर” (विशेष विद्यालय नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए) स्कूल से की हैं।
कक्षा 12 तक की पढ़ाई “चंदा बाई कॉलेज” स्कूल से की हैं, जहाँ पर उन्होंने 85% अंक प्राप्त किये थे।
स्नातक में “राजनीति शास्त्र” की पढाई, St. Xavier college, Mumbai से की है।
परास्नातक (International Relations) की पढ़ाई के लिए प्रांजल ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की। उसके बाद JNU से इन्होंने M.phil और Ph.d. किया है।
अपने JNU प्रवास के दौरान ही प्रांजल ने इंटरनेट और अपने कंप्यूटर में उपलब्ध special software की सहायता से ही UPSC Civil Services के लिए “तैयारी” करना शुरू कर दिया था।
और aspirants जो तुम लोग अक्सर facebook और दूसरे सोशल मीडिया पर share करते हो कि “मेहनत इतनी शाँति से करो, कि सफलता शोर मचा दे।” उसको प्रांजल ने अपनी मेहनत और कभी हार ना मानने के जज्बे से सिद्ध भी कर दिया है।
वो भी कोई एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार।
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प्रांजल पाटिल की IAS बनने की यात्रा (Journey of becoming IAS of Pranjal Patil:)
प्रांजल पाटिल UPSC Civil Service Examination 2015 में पहला attempt दिया था।
क interview में प्रांजल बताती हैं कि उन्हें doubt था की लोग उन्हें सही मार्गदर्शन करंगे या नहीं। क्योंकि यहाँ पर उनका नेत्रहीन होना और ऊपर से एक महिला होना एक पितृसत्तात्मक समाज बहुत ही बड़ी परेशानी है।
इसलिए नकारात्मकता से बचने के लिए प्रांजल पाटिल ने UPSC Civil Service की तैयारी अकेले ही करने का फैसला किया और मार्गदर्शन के लिए internet को अपना गुरु बनाया।
और सीमित मात्रा में standard books का अध्ययन किया एवं अपने notes बनाये और उनकी सहायता से ही अपने दोनों प्रयासों में उन्होंने स्वर्णिम सफलता प्राप्त की।
प्रांजल पढ़ाई करने के लिए पहले किताब को scan करती थीं, उसके बाद कम्प्यूटर एक विशेष software की सहायता से उन्हें उन किताबों को पढ़ कर सुनाता था।
प्रांजल बताती हैं कि कई बार कम्प्यूटर का उच्चारण बहुत कठिन होता था लेकिन उनको तो इस परीक्षा में सफल होना ही एकमात्र रास्ता था। जिसके आगे कम्प्यूटर का कठिन उच्चारण और लोगों का असहयोग भरा व्यवहार कोई मायने नहीं रखता था।
पहले प्रयास में प्रांजल पाटिल ने रेलवे की Accounts service प्राप्त की और दूसरे प्रयास (2017) में 124 वीं रैंक लाते हुए IAS की सर्विस प्राप्त की है।
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जब प्रांजल ने अपने प्रथम प्रयास में ही उपरोक्त सर्विस के लिए qualify कर लिया था, तब रेलवे ने उनकी दृष्टिहीनता को आधार बनाते हुए उन्हें service देने से मना कर दिया था।
जिस पर प्रांजल ने पहले तो अपने स्तर से हरसंभव प्रयास किया कि, उनको भी “ट्रेनिंग” का लेटर मिले, लेकिन जब उन्होंने रेलवे मंत्रालय की उदासीनता को देखा तो उन्होंने, बिना देर करते हुए UPSC को दोबारा देने का फैसला कर लिया था।
अपने द्वितीय प्रयास में उन्होंने पहले से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया और 124 वीं रैंक प्राप्त की। इस प्रकार प्रांजल ने एक बार फिर से सिद्ध किया कि इंसान के लिए कोई भी समस्या बहुत बड़ी नहीं है, साकारात्मक नज़रिये और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी विद्यार्थी इस दुष्कर परीक्षा में सफल बन सकता है।
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IAS प्रांजल पाटिल का वर्तमान कैडर:
सं 2017 में प्रांजल पाटिल को केरल कैडर आंवटित हुआ है। उन्होंने प्रोबेशनरी ट्रेनिंग के दौरान assistant collector के पद पर एरनाकुलम जिले में ज्वाइन किया था।
चलते चलते
प्रांजल कहती हैं की, “अगर जिंदगी गिराए भी तो, तो भी जल्दी ही खड़े हो जाओ और कोशिश करो की उससे नीचे तो नहीं जाना है।“
Aspirants, हमें आशा है कि आपको IAS प्रांजल पाटिल के जीवन में कभी हार ना मानने का जज्बा और कठिन मेहनत से बड़ी-से-बड़ी परेशानी को झुका देने का जज्बा बहुत inspire करता है, और आप भी आने वाले UPSC Civil Service Examination की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करोगे।
और हम अगली post में एक नए achiever के साथ हम फिर से हाजिर होंगे जल्दी ही। आप सभी खुश रहे और जल्दी ही successful बनिए।
इस post को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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