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IPS Vs IAS . Why IPS officers still want to be IAS I Latest News

Why IPS officers still want to be IAS I Latest News

IPS Vs IAS उत्तर प्रदेश में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच सत्ता-संघर्ष अब नोएडा (गौतम बुद्ध नगर)  के जिलाधिकारी (भूतपूर्व) बृजेश नारायण सिंह द्वारा एसएसपी डॉ अजय पाल सिंह द्वारा सात एसएचओ की पोस्टिंग को रद्द करने के साथ खुले मैदान में है।

रस्साकशी तब शुरू हुई जब राज्य सरकार ने आदेश दिया कि पुलिस अधीक्षकों को एसएचओ की पोस्टिंग और स्थानांतरण के लिए जिलाधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

डीएम बृजेश नारायण सिंह ने एसएसपी डॉ अजय पाल सिंह को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के तहत बिना उनकी सहमति के एसएचओ की नई नियुक्ति पर आपत्ति जताई. डीएम के पत्र में कहा गया है, “राज्य सरकार ने 9 मई को एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि पुलिस अधीक्षकों को एसएचओ की पोस्टिंग और स्थानांतरण के लिए जिलाधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।”
यह लगभग हर समय सरकार में होता है।

तो aspirants आज की Post में निम्नलिखित मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं:

  • IAS बनाम IPS / IPS Vs IAS

मुद्दा:

“कई IPS officers दोबारा परीक्षा में बैठते हैं और IAS बनना चाहते हैं, क्यूँ?”

इस तरह की घटना का प्रमुख उदाहरण वर्तमान में राजस्थान cadre में सेवारत IAS श्रीमान गौरव अग्रवाल जी हैं। उन्होंने भी पहले भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की सर्विस पाई थी। लेकिन वह दोबारा से Civil Service Examination में बैठे और फिर उन्होंने IAS rank को crack किया।

तो UPSC IAS aspirants आपके लिए यह समझना अति आवश्यक हो जाता है, कि आखिर एक अभ्यर्थी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसी प्रतिष्ठित सेवा से जुड़ कर भी दूसरी सेवाओं में या भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में क्यूँ जाना चाहता है?

इन सभी सवालों को एक-एक करके समझते हैं। सबसे पहले

इन सेवाओं में आने के लिए क्या मेहनत करनी पड़ती है? कैसे बनते हैं IAS या IPS?

  1. दोनों ही सेवाओं में आने के लिए एक युवा के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए।
  2. भारतीय होना चाहिए।
  3. 21 साल से अधिक और 32 साल से कम (सामान्य वर्ग के उम्मीदवार हेतु)
  4. किसी भी विषय में स्नातक हो।

उसके बाद एक अभ्यर्थी सिविल सेवा के लिए किसी भी प्रकार से योग्य क्यूँ ना हो, उसके लिए संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन (Civil Services Examination) नामक प्रतियोगी परीक्षा की चुनौती में सफल होना अनिवार्य है।

इस परीक्षा के लिए लगभग 11 लाख उम्मीदवार फार्म भरते हैं और उनमें से मात्र 100 उम्मीदवार (लगभग) IAS और इतने ही या उससे ज्यादा उम्मीदवार IPS जैसी रुतबेदार पदों पर नियुक्ति पाते हैं।

अभी तक हमने समझा कि कैसे एक उम्मीदवार गला काट प्रतियोगिता से होता हुआ यहाँ तक पंहुचता है। तो अब इसके उसको फायदे भी अच्छे होना चाहिए। उन फायदे को समझते हैं।

IAS या IPS के बीच समानताएँ एवं फायदे: IPS Vs IAS

प्रशिक्षण (Training):

दोनों ही तरह के सफल उमीदवारों को “लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी” में तीन माह प्रक्षिक्षण मिलता है। उसके बाद IPS अधिकारियों को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रक्षिक्षण मिलता है।

वेतनमान (Salary):

दोनो ही पदों पर आसीन अधिकारियों को सातवे वेतन आयोग को सिफारिशों के अनुसार ₹56100/- शुरुआती वेतन मिलता है।

भत्ते:

HRA, TA/DA, विभिन्न प्रकार की छुट्टियाँ, छुट्टी के दौरान होने वाले यात्रा खर्चे, घरेलू सहायता, वाहन, इत्यादि सुविधाएँ मिलती है।

तो अभी तक हमने देखा की दोनों लोक सेवा अधिकारियों को एक समान सुविधाएँ मिलती हैं, और समाज में भी एकसमान “सम्मान” मिलता है। हालाँकि ये दोनों ही सेवाएँ हुबहू एक सी नहीं हैं। अब इन सेवाओं के बीच के अंतर को समझते हैं।

 

IAS या IPS के बीच असमानताएँ:

कार्यक्षेत्र (Work profile):

एक IAS को अपने कार्याधिकार क्षेत्र में सभी प्रशासनिक, वाणिज्यिक जैसी गतिविधियों को क्रियान्वित करना होता है। एक IPS को अपने कार्याधिकार क्षेत्र में कानून और जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वाह करना होता है।

कार्यक्षेत्र में विविधता (Variety of work):

एक IAS अधिकारी अपने जिले में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का निर्वाह करने के अतिरिक्त — प्रशासनिक, स्वास्थ्य, नागरिक व्यवस्था, शिक्षा, लोक विकास और विभिन्न सरकारी विषविद्यालयों, शिक्षा बोर्डों और फैक्ट्री में भी उच्च पद पर आसीन होते हैं। एक IPS को अपने कार्याधिकार क्षेत्र (जिले) में कानून, अपराधों पर नियंत्रण के अतिरिक्त CBI या केन्द्रीय सुरक्षा अजेंसियों के उच्च पदों पर भी आसीन होते हैं। साथ ही साथ वो NSA या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी आसीन होते हैं।

पदोन्नति एवं सेवाऐं (Promotions & duties):

एक IAS की प्रारंभिक सेवा जिला मजिस्ट्रेट, कलेक्टर, हो सकती है। जो की promotions के साथ कमिश्नर, संयुक्त सचिव, डिप्टी सचिव, से लेकर कैबिनेट सचिव तक बनता है।
इसमें कैबिनेट सचिव का पद सर्वोच्च होता है।
एक IPS पदोन्नत होकर SP, DSP, बनता है। एक राज्य में एक IPS ही DGP का पद सुशोभित करता है। ADGP का पद एक IPS अधिकारी के लिए सर्वोच्च होता है।

 

किस अधिकारी या पद के पास ज्यादा शक्तियाँ होती हैं? IPS Vs IAS

  • एक IAS अधिकारी की शक्तियां ज्यादा होती हैं।
  • एक आईएएस अधिकारी जब सर्वोच्च पद पर आसीन होता है तब वह एक मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करता है। और इस क्षण पर पुलिस विभाग के उच्च पद पर आसीन अधिकारी को भी उस कैबिनेट सचिव (IAS) के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य होता है।
  • एक पुलिस अधिकारी किसी जिले में आपातकालीन परिस्थिति मेंआईएएस अधिकारी के आदेशानुसार कार्य करता है।
  • इसके अलावा एक IPS officer दूसरे IAS अधिकारी को प्रोटोकॉल के अनुसार सैल्यूट भी करता है।
  • हालांकि यदि कोई IAS अधिकारी किसी प्रकार के कदाचार/ भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है तब एक IPS अधिकारी उसको गिरफ्तार की शक्ति भी रखता है।

दो टूक: IPS Vs IAS

एक आईएएस अधिकारी और एक आईपीएस अधिकारी दोनों ही अपने अपने सम्पूर्ण कार्य क्षेत्र में विभिन्न शक्तियों, सुविधाओं, और मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। साथ ही साथ यह दोनों ही कई तरह के महत्वपूर्ण, लोकहित, देशहित में कार्यों का निर्वहन भी करते हैं। जो की सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भी होता है। फिर भी, यदि आप वर्तमान में लोक सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने के लिए काम कर रहे हैं, तो आपको अभी से ही दृढ़ निश्चय कर लेना चाहिए – कि आप प्रशासनिक स्तर पर और सामाजिक व्यवस्था में काम करके लोक सेवा (public service) करना चाहते हैं या समाज में कानून, अपराध, और शांति बनाने के क्षेत्र द्वारा लोक सेवा करने के इच्छुक हैं।

एक IPS अधिकारी राज्य का DGP बन सकता है और फिर भी उन्हें गृह सचिव, एक IAS अधिकारी को रिपोर्ट करना पड़ता है, जो उनसे कई वर्ष कनिष्ठ हो सकता है।

भारत सरकार में सचिव स्तर के पदों पर सैकड़ों IAS अधिकारी हैं, लेकिन शायद ही कोई IPS या अन्य सेवा अधिकारी इस पद तक पहुँच सके।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आईपीएस अधिकारी आईएएस में शामिल होते हैं और अपनी वरिष्ठता के कई वर्षों को खोना पसंद करते हैं ताकि उन्हें यह याद न रहे कि वे सिर्फ दूसरे नंबर पर हैं।

UPSC IAS Aspirants, मुझे पूरा विश्वास है कि यह पोस्ट आपकी सभी उत्सुकताओं का समुचित उत्तर देती है। पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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